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तीन तलाक़ विल पर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की आपत्ति है कि तलाक़ पति-पत्नि के बीच का सिविल विवाद है इसको अपराध मान कर पति को दन्डित नही किया जा सकता है तथा पति को जेल भेजने से परिवार टूट जायेंगे और पत्नि व बच्चों का भरण पोषण भी नही हो पायेगा ।